पष्टम राज्य वित्त आयोग

षष्टम राज्य वित्त आयोग, राजस्थान द्वारा प्रस्तुत अन्तरिम रिपोर्ट (2020-21 एवं 2021-22 के लिए) के अन्तर्गत की गई सिफारिशों पर राज्य सरकार द्वारा की गई कार्यवाही विवरण (ATR) के अनुसार पंचायती राज संस्थाओं को देय कुल अनुदान राशि में से 55 प्रतिशत राशि मूलभूत एवं विकास कार्यों के लिए (यह केवल वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के लिए), 40 प्रतिशत राशि राष्ट्रीय/राज्य प्राथमिकता की योजनाओं/गतिविधियों के क्रियान्वयन, जिनमें कोविड-19 की रोकथाम से संबंधित गतिविधियां भी शामिल है (यह केवल वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के लिए) तथा 5 प्रतिशत राशि पंचायती राज संस्थाओं के लिए चिन्हित गतिविधियों में प्रदर्शन के बदले प्रोत्साहन अनुदान के रूप में उपलब्ध करायी जावेगी। राशि का वितरण जिलेवार निर्धारित भारांकन के आधार पर राज्य की जिला परिषदों को 5 प्रतिशत, पंचायत समितियों को 20 प्रतिशत एवं ग्राम पंचायतों को 75 प्रतिशत हिस्सा राशि दिये जाने की संस्तुति की गई है।

योजना के उददेश्य

1. षष्ठम राज्य वित्त आयोग, राजस्थान द्वारा प्रस्तुत अन्तरिम रिपोर्ट (2020-21 एवं 2021-22 के लिए) के अन्तर्गत की गई सिफारिशों के सारांश के बिन्दु संख्या 30(X) में की गई संस्तुति के अनुसार षष्ठम राज्य वित्त आयोग अन्तर्गत देय राशि का उपयोग किसी भी व्यक्ति, पदधारी या जन प्रतिनिधियों की वैयक्तिक आवश्येकताओं/अपेक्षाओं पर राज्य सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट रूप से प्राधिकृत किये बिना खर्च नही की जाएगी।
2. आयोग की सिफारिशों के बिन्दु संख्या-27 के अनुसार षष्ठम राज्य वित्त आयोग अन्तर्गत देय राशि का उपयोग किसी भी विज्ञापन प्रदर्शन, वाहनों का क्रय, कर्मचारियों के वेतन और भत्तों पर खर्च नहीं किया जाएगा।
3. षष्ठम राज्य वित्त आयोग, राजस्थान द्वारा प्रस्तुत अन्तरिम रिपोर्ट (2020-21 एवं 2021-22 के लिए) के अन्तर्गत की गई सिफारिशों के सारांश के बिन्दु संख्या 30(XI) में की गई संस्तुति के अनुसार अंतरिम प्रतिवेदन में की गई सिफारिशें, आयोग के अंतिम प्रतिवेदन के प्रभावी होने तक प्रवृत्त रहेगी।